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भारत में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए Google ने देश में अपने पहले मेगा AI हब के लिए $15 बिलियन (लगभग ₹1.25 लाख करोड़) के निवेश की घोषणा की है। यह निवेश देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को और मज़बूत करेगा और भारत को ग्लोबल AI पावर के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
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AI हब कहाँ बनेगा?
Google यह हाई-टेक AI हब आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में बना रहा है।
इस प्रोजेक्ट में शामिल होंगे:
गीगावॉट-लेवल का डेटा सेंटर
एडवांस्ड फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क
हाई-सिक्योरिटी क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर
AI रिसर्च और डेवलपमेंट यूनिट
यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी टेक निवेश माना जा रहा है।
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भारत को क्या लाभ होगा?
✔ 1. लाखों नौकरियाँ
इस प्रोजेक्ट से तकनीकी, इंजीनियरिंग और डेटा से जुड़े क्षेत्रों में हजारों–लाखों रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
✔ 2. इंटरनेट और क्लाउड सर्विसेज तेज़ होंगी
इस AI हब से भारत में:
तेज़ इंटरनेट
कम लेटेंसी
बेहतर सर्वर स्पीड
एडवांस्ड क्लाउड सर्विसेज
मिलेंगी।
✔ 3. भारतीय कंपनियों को फायदा
स्टार्टअप्स, ऐप डेवलपर्स, और AI कंपनियों को Google की हाई-कैपेसिटी टेक सर्विसेज का फायदा मिलेगा।
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सरकार ने क्या कहा?
भारतीय सरकार ने इस निवेश को देश की “डिजिटल क्रांति” का नया अध्याय बताया है। प्रधानमंत्री की ओर से बयान आया है कि यह साझेदारी भारत को टेक्नोलॉजी के अगले लेवल पर ले जाएगी।
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आगे क्या होगा?
Google आने वाले 5 वर्षों में इस प्रोजेक्ट को चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगा।
पहले चरण में डेटा सेंटर और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा, उसके बाद AI और R&D यूनिट्स शुरू होंगी।
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निष्कर्ष
Google का यह ₹1.25 लाख करोड़ का निवेश भारत के लिए न सिर्फ आर्थिक रूप से, बल्कि तकनीकी रूप से भी एक बड़ा बदलाव लाएगा। इससे भारत भविष्य में AI और डिजिटल टेक्नोलॉजी का ग्लोबल हब बन सकता है।
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